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तेरे जैसा, कोन मेरा, बता मेरी माँ, एक तरफ तू, एक तरफ मेरा सारा यह जहाँ. मुझको कोई दर्द ना हो, तू ने हर दुख सहा, मुझको जो आराम मिले , तू ने क्या क्या न किया. कोई कोशिश करता मुझे, बस छू लेने की ही, सर पे उठा दिया तू ने सारा आसमान. क़ुद्रत को जब सूझी यह दुनिया चलाने की, तुम को सब को लाने की ज़िम्मेदारी दी. तू मम्ता का दरिया बन के बहती गई, इस दुनिया के कितने सजाए तुम ने कारवाँ तेरे आँचल की छाव कितनी सुहानी है, इक मेरे ही लब पे नहीं, यह सब की कहानी है. तुम को पूजा, तुम को सराहा हर युग में सब ने, तुझ में रब दिखे,तुझ में सब दिखे, तुझ में दिखे भगवान. | |
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lovely poem...i liked it a lot :)
Added By Arun Drabu
I have to thank our Dear Vandhana Kaul and her two lovely children Kabir and Saanvi for allowing the use of the image so appropriate for this poem.
Added By Deepak Ganju
Thank you Arun Ji, Deepak Ji,Vandhana Ji and dear Kabir and dear Sanvi for being kind!
Added By ashok bhatt